तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफ़े पर पूर्व मंत्री व विधायक विक्रम सिंह ठाकुर की प्रतिक्रिया

सरकार की कठपुतली बन गये हैं विधान सभा अध्यक्ष : विक्रम ठाकुर विधानसभा अध्यक्ष के पद की गरिमा के विपरीत काम कर रहे विधानसभा अध्यक्ष विधान सभा से बीजेपी के विधायकों को निष्कासित कर बचाई है सरकार

तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफ़े पर पूर्व मंत्री व विधायक विक्रम सिंह ठाकुर की प्रतिक्रिया

तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफ़े को स्वीकार करने के मामले में भाजपा नेता, पूर्व मंत्री व विधायक विक्रम सिंह ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष को जब यही करना था तो पहले क्यों नहीं किया। जान बूझकर पूरे मामले को लटकाया गया। जिससे तीनों निर्दलीय विधायक गत दिनों हुए आम लोकसभा और विधान सभा उप-चुनावों में भाग न ले पाए। जिससे बहुत समय और संसाधन की बचत हो सकती थी। इस तरह से जानबूझकर किसी फ़ैसले को लटकाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। विक्रम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष संवैधानिक पद पर बैठे हैं लेकिन वह अपनी गरिमा के विपरीत काम कर रहे हैं। विधान सभा अध्यक्ष सरकार की कठपुतली बन कर काम कर रहे हैं। इस तरह से पद की गरिमा के विपरीत वह क्यों काम कर रहे हैं, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। 

विक्रम ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष के कुलदीप सिंह पठानिया के पिछले दिन दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा छह विधायकों का सर कलम कर देने और तीन विधायकों के सर आरी के नीचे हैं होने जैसे बात करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। एक संवैधानिक एवं गरिमापूर्ण पद पर बैठे किसी भी माननीय द्वारा इस तरह की बात करना समझ से परे है। हिमाचल की यह संस्कृति नहीं रही है। इस तरह के बयानों की हिमाचल जैसी देवभूमि में कोई जगह नहीं है। विक्रम ठाकुर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में वह कांग्रेस सरकार को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर कर रहे हैं। हिमाचल के इतिहास में उनके द्वारा गरिमा एक विपरीत किया गया आचरण याद किया जाएगा। 

भाजपा नेता ने कहा कि यह सब कार्य सरकार को ग़लत तरीक़े से बचाने के प्रयास हैं। सरकार को बार-बार बचाने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों की उपेक्षा की जा रही है। बजट पास करवाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के 15 सदस्यों को निष्कासित करके सरकार बचाई। यह सरकार संख्याबल और लोगों की नज़रों में गिर चुकी है, नैतिकता के आधार पर इस सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।