हम बहस को तैयार मुकेश अग्निहोत्री तय करें समय तिथि और स्थान: रणधीर शर्मा
कहा उपचुनाव के साथ साथ सरकार की कारगुजारी कानून व्यवस्था और गारंटियां भी हैं मुद्दे रणधीर शर्मा ने उपमुख्यमंत्री की चुनौती स्वीकार की
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं श्रीनैनादेवी जी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रणधीर शर्मा ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री द्वारा दी गई बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा है कि भाजपा हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "उपमुख्यमंत्री जी, आप समय, तिथि, और स्थान का निर्धारण करें। हम हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं।" मुकेश अग्निहोत्री ने निर्दलीय विधायकों व उपचुनाव को लेकर भाजपा को खुली बहस की चुनौती दी थी।
रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हो रहे उपचुनाव कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन और प्रशासनिक विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम हैं। इन उपचुनावों के दौरान सरकार की विफलताओं को जनता के सामने लाना आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह विफ़ल रही है। कांग्रेस खुद की दी हुई गारंटियों को धरातल पर पूरी करने में पूरी तरह से विफल रही है।
शर्मा ने कहा, "प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के मामले में कांग्रेस सरकार ने पूरी तरह से अनदेखी की है। डेढ़ साल की सरकार में युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करने के बजाय उन्हें निराश किया गया है। कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने रोजगार के मोर्चे पर क्या कदम उठाए हैं और अब तक कितने युवाओं को रोजगार मिला है।"
उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए। "कानून व्यवस्था की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है। प्रदेश में अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है, और सरकार इस पर नियंत्रण पाने में असफल रही है। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस सरकार जनता की सुरक्षा के प्रति असंवेदनशील है।"
महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने की योजना पर उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को 1500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन इसके क्रियान्वयन में भी अनियमितता दिखाई देती है। सरकार को इसका पूरा विवरण सार्वजनिक करना चाहिए कि कितनी महिलाओं को यह लाभ प्राप्त हो रहा है और कितनी इस योजना से वंचित हैं।"
इसके अतिरिक्त, शर्मा ने निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों के मुद्दे पर भी कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा किया। "यह विचित्र है कि निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे तुरन्त स्वीकार क्यों नहीं किए गए। अगर इस्तीफे 3 जून को स्वीकार किए गए हैं तो इसके पीछे की राजनीति और निर्णय प्रक्रिया क्या रही? कांग्रेस को इस पर भी स्पष्टीकरण देना चाहिए।"
रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने आप को बचाने में अधिक व्यस्त है और जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ही जनता के मुद्दों को नजरअंदाज कर अपनी सरकार को बचाने में जुटे हुए हैं। यह प्रदेश के हित में नहीं है।"
उन्होंने अंत में कहा कि भाजपा जनता के मुद्दों पर खुली बहस के लिए तैयार है और कांग्रेस को भी अपने दावों का सही-सही उत्तर देना चाहिए। शर्मा ने उपमुख्यमंत्री को समय, स्थान, और तिथि तय करने का आग्रह किया ताकि जनता के समक्ष सत्य उजागर हो सके।