दिव्यांगों की अक्षमता नहीं बल्कि उनकी योग्यता से समाज में पहचान मिले: डॉ पुष्पेंद्र वर्मा
आज विश्व दिव्यांगता दिवस को प्रतिभा दिव्यांग संस्थान मट्टन सिद्ध मे धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने शिरकत की l इस अवसर पर पहुँचने पर संस्थान की संस्थापक सपना देवी ,सुनील कुमार , रसाल सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्होंने टोपी व शाल पहनाकर मुख्य अतिथि को सम्मानित किया। इसके बाद दिव्यांग बच्चों ने अपनी दिव्य शक्ति को दिखाते हुए रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करे जो कि वहां मौजूद सभी लोगों ने बहुत ही सराहे।
इसके बाद मुख्य अतिथि डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने अपने संबोधन में सबसे पहले सबको विश्व दिव्यांग दिवस की बधाई दी और उसके मनाने के पीछे कारण बताते हुए कहा कि इस धरती पर भगवान ने किसी भी जीव को भेजा है तो इसका अर्थ है कि उसका इस धरा पर कोई ना कोई महत्वपूर्ण योगदान है और इस योगदान को हमने ध्यान में रखते हुए इन दिव्यांगों की अक्षमता को नहीं बल्कि योग्यता को पहचानना है और उस योग्यता को पहचान कर हमने उसमें निखार लाना है ताकि हम उनको अपने इस रोजमर्रा के सामाजिक जीवन में शामिल करें और उनको एक सम्मान पूर्ण जीवन जीने की राह दिखाएं। इस अवसर पर बोलते हुए डॉक्टर वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भी ऐसे बच्चों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं तभी तो वह अपना शपथ लेने से पहले अनाथालय पहुंचे और वहां पहुंचकर हिमाचल प्रदेश क्या पूरे भारतवर्ष के इतिहास की पहली योजना अनाथ बच्चों के लिए सुखाश्रय नाम से शुरू की। वर्मा ने कहा कि जैसे सुखा आश्रय योजना के तहत बच्चों को साल में एक बार भ्रमण के लिए ले जाया जाता है वैसे ही वह माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखुजी से प्रार्थना करेंगे कि उसी तर्ज पर दिव्यांग बच्चों को भी साल में एक बार भारत भ्रमण के लिए सुविधा दी जाए ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने उसके बाद रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले दिव्यांग बच्चों को पुरस्कार वितरित किए इस अवसर पर ग्राम पंचायत के उप प्रधान आंचल पटियाल, वार्ड सदस्य गोल्डी पाटियाल,हितेन दिवस, रसाल सिंह ,राजेंद्र विशिष्ट व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।