नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के लिए काला अध्याय था: संदीप सांख्यान
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कोऑर्डिनेटर संदीप सांख्यान के केंद्र सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए कहा कि आज के दिन साल 2016 को नोटबंदी करके देश की अर्थव्यवस्था के लिए काला अध्याय लिखा गया था। उन्होंने कहा कि जिसका खामियाजा आज देश भुगत रहा है क्योंकि देश पर आज करीब 261 लाख करोड़ की देनदारी खड़ी हो गई है, जबकि नोटबंदी से पूर्व यह देनदारी करीब 55 लाख करोड़ ही थी, केवल नोटबंदी के कारण ही देश पर करीब 205 लाख का कर्ज बढ़ गया है। संदीप सांख्यान ने कहा कि साल 2016 में देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने देशवासियों से केवल 50 दिन मांगे थे और कहा था कि नोटबंदी से काला धन भी वापस सरकार के खाते में आ जायेगा और देश से गरीबी भी मिट जाएगी लेकिन न तो देश का कालाधन वापिस आया और न ही देश की गरीबी मिट सकी, उल्टे नोटबन्दी जैसे तुगलकी फैसले से देश कर्जदार हो गया। संदीप सांख्यान ने कहा कि मोदी जी देश के 15 वे प्रधानमंत्री है उनसे पहले 14 देश प्रधानमंत्रियों ने साल 2014 तक देश को चलाने के लिए केवल 55 लाख करोड़ रुपयों का ऋण लिया था। मोदी जी अकेले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मात्र 11 वर्षो के शासन के लिए 205 लाख करोड़ रुपयों का ऋण ले लिया है जिसके कारण आज देश का हर नागरिक करीब 1.55 लाख ऋण के बोझ के तले दब चुका है यह वही नोटबन्दी थी जिसके के दुष्प्रभाव आज हर देश के नागरिक को कर्जदार बनकर भुगतने पड़ रहे हैं। केंद्र सरकार के इस तुगलकी फरमान के बाद आज जो मुद्रा सर्कुलेशन में होनी चाहिए थी वह नहीं हो सकी और देश कर्जदार बनता ही चला गया यही वह कारण है जिसके कारण देश की आर्थिकी को गहरा आघात लगा है। संदीप सांख्यान ने कहा कि इस तरह के अज्ञानतावश फैसले से देश की तरक्की रुक गई जिसका फर्क साफ देश की राज्य सरकारों पर भी साफ देखा जा सकता है। नोटबंदी जैसे फैसलों पर कज भाजपाइयों के होठं तक सुख जाने का भी यही कारण है कि उनका भी मनी-इन-सर्कुलेशन बैंकों में चला गया था जिससे हर आदमी का व्यवसाय 20 वर्ष पीछे चला गया और चंद व्यवसायिक घरानों को बेलआउट पैकेज देकर इलेक्ट्रोल बांड के माध्यम से धन उगाही की गई।