कांग्रेस ने सत्ता में आते ही हज़ारों संस्थानों को बंद करके शिक्षा और प्रगति का नुकसान किया: आशीष शर्मा
भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि सत्ता में आते ही राज्य भर में लगभग 590 संस्थानों को बंद करने के सरकार के फैसले ने जनता को मायूस किया है, जो सभी पिछले भाजपा शासन के दौरान स्थापित किए गए थे। बदले की भावना से की गई यह व्यापक कार्रवाई न केवल राज्य के शैक्षिक परिदृश्य के लिए झटका है, बल्कि अनगिनत छात्रों और शिक्षकों के सपनों और आकांक्षाओं के लिए भी निराशाजनक है।
आशीष ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस मामले में सरकार ने हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों से जैसे कोई जन्मों की दुश्मनी निकाली हो। क्योंकि सरकार ने आते ही यहां के प्रतिष्ठित प्रदेश सब-ऑर्डिनेट सलेक्शन बोर्ड को भंग कर दिया। यदि कोई अनियमितता थी तो उसकी जांच होनी चाहिए थी, और दोषी कर्मचारियों की जगह दूसरे कर्मचारियों को काम पर लगाना चाहिए था। लेकिन बोर्ड को भंग करके सरकार ने हजारों नौकरी के चाहवानों और परीक्षुओं के भविष्य से खिलवाड़ किया। गलोड़ और लम्ब्लू का डिग्री कॉलेज को बंद किया, लम्ब्लू के प्राइमरी हेल्थ सेंटर और पशु चिकित्सालय को बंद किया, डिडवीं टिक्कर में खोले जाने वाले इंडोर स्टेडियम और जल शक्ति विभाग के सब-डिवीज़न जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को भी सरकार ने बंद कर दिया।
उन्होंने कहा सरकार केवल इतने में नहीं रुकी। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के ब्राह्लड़ी में प्रस्तावित अटल आदर्श विद्यालय और उसके लिए स्वीकृत बजट को भी सरकार ने गोलमोल कर दिया है। हमीरपुर शहर के बड़ू में 3.5 करोड़ बजट की लगत से बनने वाले हेलीपोर्ट को सरकार उठाकर नादौन विधानसभा के करीब ले गई। यहां तक कि भाजपा सरकार द्वारा चलाई गई हिमकेयर और सहारा योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बंद कर दिया। इन सब बातों से साफ जाहिर होता है कि मैजूदा कांग्रेस सरकार ने हमीरपुर के लोगों की तरफ सौतेला रवैया रखा है।
इन संस्थानों के बंद होने से दूरगामी आर्थिक और सामाजिक परिणाम होंगे। शिक्षकों और अन्य कर्मियों की नियुक्तियों से पैदा होने वाले रोजगार के अवसर भी इस सरकार ने बंद कर दिए, जिससे हमीरपुर के लोगों को आजीविका के साधन कम हुए हैं। आशीष शर्मा ने विश्वास जताया कि जनता सरकार से इन सब बातों का हिसाब अपने वोट के माध्यम से अवश्य लेगी।