2061 वन मित्रों की भर्ती प्रक्रिया मेरिट के आधार पर पूर्ण: मुख्यमंत्री

वन क्षेत्रों में 60 प्रतिशत फलदार और औषधीय पौधे लगाने के निर्देश दिए

2061 वन मित्रों की भर्ती प्रक्रिया मेरिट के आधार पर पूर्ण: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि 2061 वन मित्रों की भर्ती प्रक्रिया मेरिट के आधार पर पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इन वन मित्रों की नियुक्ति से विभाग की कार्यकुशलता सुदृढ़ होगी तथा वन क्षेत्रों में पेड़ों के अवैध कटान पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। 
वन विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन विभाग को सुदृढ़ बना रही है, ताकि बेहतर कार्यप्रणाली सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि विभाग में रिक्त पदों को भरा जा रहा है, जिससे वन संपदा की सुरक्षा में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 200 सहायक वन रक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का कार्य भी प्रगति पर है। उन्होंने राज्य में वन क्षेत्र को बढ़ाने के प्रयासों के लिए वन विभाग को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि 2021 की तुलना में 2023 तक राज्य का वन क्षेत्र लगभग 55 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। 
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार वनों को आग से बचाने के लिए भी गंभीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान स्थानीय समुदाय के 18000 लोगों को त्वरित अग्निशमन बल में पंजीकृत किया गया, जिससे उनकी कुल संख्या अब 68000 हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में वन अग्नि संवेदनशील महीनों के दौरान कुल 1496 अग्नि निगरानीकर्ताओं को भी लगाया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के साधन के रूप में, इकोटूरिज्म गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को राज्य के मनमोहक परिदृश्यों से परिपूर्ण वनों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए इकोटूरिज्म स्थलों की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान प्राप्त एफसीए स्वीकृतियों पर संतोष व्यक्त किया और इस संबंध में निरंतर प्रयास करने पर बल दिया।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को बंजर पहाड़ियों पर पौधारोपण गतिविधियों में तेजी लाने और स्थानीय महिला मंडलों और युवक मंडलों को पौधारोपण और पौधों के संरक्षण में शामिल करने के लिए भी कहा। उन्होंने वन क्षेत्रों में 60 प्रतिशत फलदार और औषधीय पौधे लगाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन के.के. पंत, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे, जबकि प्रधान मुख्य अरण्यपाल पवनेश कुमार शर्मा हमीरपुर से वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।