शूलिनी विश्वविद्यालय ने एक बार फिर वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य में अपनी पहचान बनाई है, SCIMAGO संस्थान रैंकिंग 2025 (विश्वविद्यालय) में कई विषय क्षेत्रों और नवाचार मापदंडों में प्रभावशाली सुधार हासिल किए हैं।
विश्वविद्यालय ने रसायन विज्ञान और ऊर्जा दोनों में भारत में दूसरा स्थान, पर्यावरण विज्ञान में तीसरा और भौतिकी और खगोल विज्ञान में 9वां स्थान प्राप्त किया है। ये रैंकिंग महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षेत्रों में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक ताकत और अनुसंधान उत्पादकता को रेखांकित करती है। इसके अलावा गतवर्ष के मुकाबले इस वर्ष राकिंग प्लांट साइंस (35 से 19 रैंक), फूड साइंस (35 से 23 रैंक), और बायोकेमिस्ट्री, जेनेटिक्स और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (105 से 99 रैंक) में उल्लेखनीय सुधार देखे गए हैं।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने अपनी भारत-विशिष्ट नवाचार रैंकिंग में सुधार किया है , ओवरऑल ग्लोबल कैटेगरी में शूलिनी ने भारत में 46वां स्थान हासिल किया है। रिसर्च ग्लोबल कैटेगरी में विश्वविद्यालय भारत में 16वें स्थान पर है और सोशियल ग्लोबल कैटेगरी में यह भारत में 208वें स्थान पर है।
चांसलर प्रो. पी.के. खोसला ने रैंकिंग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा: "विषय-विशिष्ट रैंकिंग और नवाचार मापदंडों में शूलिनी विश्वविद्यालय की लगातार वृद्धि हमारी केंद्रित दृष्टि और हमारे संकाय और शोधकर्ताओं के असाधारण समर्पण का प्रमाण है। मैं पूरे शूलिनी परिवार को उनकी प्रतिबद्धता और प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं।"
रिसर्च एंड डेवलपमेंट डीन प्रो. सौरभ कुलश्रेष्ठ ने रैंकिंग पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हमारे इनोवेशन आउटपुट और विषयवार शोध ताकत साल दर साल मजबूत होती जा रही है। हालांकि, अब हमें अपने शोध को वैश्विक स्तर पर ऊंचा उठाने के लिए शोध प्रकाशनों, सहयोगों और उद्धरणों में और अधिक मजबूती से आगे बढ़ने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करना है ।