साहस और आनंद का नाम ही शिक्षा है-डॉ राकेश शर्मा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 साहस, आनंद,आत्मबल एवं आत्मसम्मान के लिए सभी मार्ग और आयामों को खोलती है।यह शब्द डॉ राकेश कुमार शर्मा सम्पादक,इतिहास दिवाकर इतिहास शोध संस्थान नेरी से प्रकाशित अनुसंधान पत्रिका व सहायक आचार्य सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी ने कर्मवीर भाऊसाहेब हीरे कला,विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय नीमगांव महाराष्ट्र तथा स्याही ब्लू बुक्स दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान से आयोजित "राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति 2020 और डॉ निशंक का शिक्षा साहित्य" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय अभाषीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यवक्ता कहे।उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में राष्ट्र सम्मान और आत्मबोध की साक्षात अभिव्यक्ति की गई है।
हमीरपुर (QNN)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 साहस, आनंद,आत्मबल एवं आत्मसम्मान के लिए सभी मार्ग और आयामों को खोलती है।यह शब्द डॉ राकेश कुमार शर्मा सम्पादक,इतिहास दिवाकर इतिहास शोध संस्थान नेरी से प्रकाशित अनुसंधान पत्रिका व सहायक आचार्य सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी ने कर्मवीर भाऊसाहेब हीरे कला,विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय नीमगांव महाराष्ट्र तथा स्याही ब्लू बुक्स दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान से आयोजित "राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति 2020 और डॉ निशंक का शिक्षा साहित्य" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय अभाषीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यवक्ता कहे।उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में राष्ट्र सम्मान और आत्मबोध की साक्षात अभिव्यक्ति की गई है। यह शिक्षा नीति भारत को एक बार फिर ज्ञान केंद्र बनाने का संकल्प व्यक्त करती है। इस उपलक्ष्य पर अपने पाथेय में डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने कहा की यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है।यह नीति भारत की ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार को बरकरार रखते हुए जीवनोपयोगी,अनुसन्धात्मक,वैश्विक पहुंच,शिक्षकों के सम्मान,भारतीय भाषाओं को महत्व व राष्ट्रीयता और भारत बोध को परिलक्षित करती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ रजनीश कुमार शुक्ल ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा 'अरुण' ने कहा की नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से भारत में पहली बार 'न्यू इंडिया' नए भारत की अवधारणा को सार्थक बनाती है।यह शिक्षा नीति आमूल परिवर्तन का शंखनाद है व समग्र क्रांति का आधार स्तंभ है। संगोष्ठी में डॉ अपूर्वभाऊ हीरे,डॉ योगिता हीरे, डॉ सुभाष निगम, प्रोफेसर डॉ सुशील कुमार शर्मा, डॉ इंद्र सिंह ठाकुर, डॉ किरण खन्ना, डॉ कन्हैया त्रिपाठी, प्रो मंजुला राणा, डॉ बेचैन कंडियाल, डॉ स्नेहलता नेगी व डॉ रवि कुमार गोंड ने अपने विचार रखे।