जिला पर्यटन प्रकोष्ठ के जिला संयोजक शेर सिंह, सह-संयोजक मल्कियत पठानिया तथा पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला संयोजक डॉ. सुभाष ठाकुर ने अपने साथियों सहित पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम कुमार धूमल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान संगठनात्मक विषयों के साथ-साथ पंचायती राज एवं पर्यटन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने पंचायती राज व्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंचायती राज भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि गांव से लेकर प्रदेश तक लोकतंत्र को मजबूत करने में पंचायतों की भूमिका केंद्रीय है। पंचायती राज संस्थाएं आम नागरिक को सीधे शासन से जोड़ती हैं और विकास को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का कार्य करती हैं।
उन्होंने कहा कि सशक्त पंचायतें ही मजबूत गांवों की आधारशिला होती हैं और जब गांव मजबूत होते हैं, तभी राज्य और राष्ट्र सशक्त बनते हैं। पंचायती राज प्रकोष्ठ को चाहिए कि वह जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने, जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने तथा पारदर्शी, जवाबदेह और जनोन्मुखी व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सक्रिय भूमिका निभाए।
इसके अलावा, प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्य में पर्यटन की भूमिका पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यटन प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है। प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल और ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। उन्होंने पर्यटन प्रकोष्ठ से संगठित प्रयासों के माध्यम से प्रदेश की पहचान को और मजबूत करने का आह्वान किया।
प्रो. धूमल ने पंचायती राज प्रकोष्ठ एवं पर्यटन प्रकोष्ठ के नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वे पूरी निष्ठा, समर्पण और सक्रियता के साथ संगठनात्मक दायित्वों का निर्वहन करेंगे तथा समाज और प्रदेश हित में उल्लेखनीय कार्य करेंगे।
इस अवसर पर डॉ. सुभाष ठाकुर, शेर सिंह एवं मल्कियत पठानिया ने प्रो. प्रेम कुमार धूमल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन, अनुभव और प्रेरक विचारों से दोनों प्रकोष्ठों को स्पष्ट दिशा और नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे उनके सुझावों को आत्मसात कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य करेंगे।