संवैधानिक पद पर बैठ कर भी झूठ बोलते हैं मुख्यमंत्री सुक्खु : राकेश जम्वाल

हमीरपुर में एकतरफा जीत को देखकर बौखला गए हैं मुख्यमंत्री भूल जाते हैं छात्र राजनीति में नहीं अब प्रदेश के मुखिया हैं सुक्खु

संवैधानिक पद पर बैठ कर भी झूठ बोलते हैं  मुख्यमंत्री सुक्खु : राकेश जम्वाल

प्रदेश में इस समय सरकार ऐसे नेतृत्व के अधीन चल रही है जिनका कम मात्रा बात बात पर झूठ बोलना और अपने लाभ के लिए लोगों को भ्रमित करना है। प्रदेश मुख्य प्रवक्ता व विधायक सुंदर नगर ने आज हमीरपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि झूठ की बुनियाद पर बनी यह सरकार एक बार फिर बात-बात पर झूठ बोलने का प्रयास कर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के कार्य का लाभ लेने का कार्य कर रही है। सत्ता में आने के लिए उन्होंने गारंटीयों के नाम पर प्रदेश की जनता को ठगा तत्पश्चात आज लोकसभा चुनाव में भी जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है

 
विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि हमीरपुर में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की एकतरफा जीत को देख कर मुख्यमंत्री व कांग्रेस बौखला गई हैं।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संकुचित सोच वाले व्यक्ति हैं जिनको हमीरपुर और जोलसप्पड़ में भी फर्क नज़र आता है। अनुराग ठाकुर ने सांसद रहते हुए रिकॉर्ड विकास कार्य संसदीय क्षेत्र में करवाये हैं और पूरे प्रदेश में भी अनगिनत विकास परियोजनाओं को धरातल पर उतारा है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास अपने किए गए कुछ काम दिखाने को नहीं है इसलिए हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना पर गलत बयान दे कर गुमराह कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू का यह ब्यान कि यूपीए सरकार में हमीरपुर के लिए मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई जोकि गलत है। 2014 चुनाव से चंद दिन पहले मेडिकल कॉलेज की मात्र की चर्चा कर देने से मेडिकल कॉलेज नहीं बन जाता। विधायक राकेश जम्वाल ने कहा आज मुख्यमंत्री दूसरों के किए गए काम कॉलेज की स्थापना का श्रेय लेना चाह रहे हैं। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह से गलत बयान देकर जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए।उन्होंने नाहन मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण का कार्य तो वर्तमान सुखविन्द्र सरकार ने पूरी तरह से बंद करवा दिया था। 

जम्वाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि जब लोक सभा चुनाव 2014 हुआ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तब स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश  ने तीनों मेडिकल कॉलेजों के लिए संपूर्ण धन का प्रावधान किया और उसी धन की उपलब्धता के आधार पर तीनों मेडिकल कॉलेज बनने शुरू हुए। जिसमें 10 मार्च, 2015 को जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के चरण- I के तहत 189 करोड़ रु स्वीकृत किए गए। सम्पूर्ण केंद्रीय राशि 170.1 करोड़ रुपये राज्य सरकार को जारी किए गए। इस कॉलेजों का उद्घाटन 2018 में  मुख्यमंत्री द्वारा किया गया और यह शैक्षणिक सत्र 2018-19 से कार्यात्मक है। कुल प्रवेश क्षमता 120 एमबीबीएस सीटों का भी प्रावधान है।इसके साथ ही 1 मार्च 2014 को, जोनल अस्पताल मंडी में 100 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु ब्लॉक (17 करोड़ रुपये की लागत) की आधारशिला रखते हुए, तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने हिमाचल प्रदेश के लिए दो मेडिकल कॉलेजों (चंबा और नाहन) के साथ-साथ दो ट्रॉमा सेंटर और एक बर्न सेंटर की स्थापना की घोषणा की। इस घोषणा का उद्देश्य पूर्णतः 2014 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करना था क्योंकि इसमें किसी भी बजटीय प्रावधान का अभाव था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उस समय खराब मौसम के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टांडा मेडिकल कॉलेज के अधूरे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ब्लॉक का उद्घाटन किया था। उसमे भी हमीरपुर मेडिकल कॉलेज का कोई उल्लेख नहीं था। 5 मार्च 2014 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया। हालाँकि, भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों के फैसलों के पीछे संभावित राजनीतिक उद्देश्यों का हवाला देते हुए कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। उसी दिन, भारत के चुनाव आयोग ने लोकसभा के लिए आम चुनावों की घोषणा की, जिससे आदर्श आचार संहिता लागू हो गई।

उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद एनडीए सरकार बनने के बाद यूपीए सरकार के पास आगे कोई ठोस कदम उठाने का मौका नहीं रह गया था। नतीजतन, इन दो मेडिकल कॉलेजों की घोषणा अनुराग ठाकुर द्वारा उठाए जाने तक अधूरी रही। अनुराग सिंह ठाकुर ने विभिन्न स्तरों पर व्यक्तिगत दौरों और पत्राचार के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के साथ इस मामले को सक्रिय रूप से बढ़ाया। उनके प्रयासों से न केवल चंबा और नाहन मेडिकल कॉलेजों के लिए धन जारी हुआ, बल्कि चरणबद्ध उद्घाटन के लिए निर्धारित 157 नए मेडिकल कॉलेजों की सूची में डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर को भी सफलतापूर्वक शामिल किया गया।वर्तमान स्थल पर भूमि सुरक्षित करने और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त करने के बाद, डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की आधारशिला 6 जून, 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर  द्वारा रखी गई थी। इस दौरान जे पी नड्डा (तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री) और अनुराग सिंह ठाकुर सहित अन्य जन प्रतिनिधि मौजूद थे। यह निर्माण की आधिकारिक शुरुआत थी। भारत सरकार ने मूल परियोजना लागत (189 करोड़ रुपये) का अपना पूरा हिस्सा (90%) जारी कर दिया है, जो कि ₹170.10 करोड़ है। इसके साथ हीं,अनुराग ठाकुर ने चंबा और नाहन मेडिकल कॉलेजों के लिए भी समान धन आवंटन सुनिश्चित किया। (जैसा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की 24 अक्टूबर, 2021 की प्रेस विज्ञप्ति से पता चलता है) यह विज्ञप्ति 157 मेडिकल कॉलेजों के लिए लगभग 17691.08 करोड़ रुपये के आवंटन की पुष्टि करती है। जो प्रति कॉलेज ₹189 करोड़ है।


उन्होंने कहा कि आज कि ताज़ा स्थिति को देखें तो स्टेट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन के लिए सीएसएस के तहत मेडिकल कॉलेजों में यूजी सीटें बढ़ाने के लिए डॉ. राधा कृष्णन मेडिकल कॉलेज में  23.1.2023 को 24 करोड़ की मंजूर राशि से 20 ईडब्ल्यूएस एमबीबीएस सीटों को मंजूरी दी गई। अब तक केंद्र सरकार ने अपने ₹21.6 करोड़ के हिस्से में से 5.4 करोड रुपए राज्य सरकार को दे दिए हैं।