55 लाख मिले होते तो आज हम जनता के बीच नहीं जेल मे होते: लखनपाल
अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जनता को गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री चुनावों मे अपनी हार निश्चित देख बखौलहट मे है। उन्हें हार का डर इस कदर सता रहा है कि अब पता ही नहीं चल पा रहा कि कब क्या बोलना है। यह बात बड़सर भाजपा प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल ने अपने चुनावी प्रचार अभियान के दौरान वल्ह बिहाल पंचायत मे आयोजित नुक्कड सभा के दौरान कही है। लखनपाल ने कहा तानाशाह मुख्यमंत्री अब कह रहे है कि बड़सर भाजपा प्रत्याशी के घर 55 लाख रूपये मिले है, अगर 55 लाख मिले होते तो आज हम जनता के बीच नहीं जेल मे होते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस झूठे आरोप के खिलाफ उनके खिलाफ मानहानी का दावा ठोका जाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने चुनावों से पहले ही हार मान ली है और इसी सदमे मे अब उन्हें यह पता नहीं चल रहा है कि कब क्या करना और बोलना है। मुख्यमंत्री की बखौलहट उनके बयानों से साफ झलक रही है। मुख्यमंत्री सुजानपुर जनसभा मे अपने प्रत्याशीयों के सामने ही बोलते है कि राजेन्द्र राणा को जिताओ फिर बोलते है कि लोकसभा प्रत्याशी हरामजायदा को जिताओं। चुनावों से पहले ही हार के सदमे मे पंहुच चुके मुख्यमंत्री नहीं समझ पा रहे है की कब और कहां क्या बोलना है। लखनपाल ने कहा तानाशाह मुख्यमंत्री अपनी 15 महीने की नाकामियों को छुपाने के लिए भाजपा प्रत्याशीयों के खिलाफ इस तरह की ब्यानवाजी कर रहे। उन्होंने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री से क्षेत्र के विकास के आलावा कोई लड़ाई नहीं थी। मुख्यमंत्री तो मित्र थे, साथ पढ़े, विधानसभा मे साठ रहे, मुख्यमंत्री बने तो हमें भी खुशी हुई कि हमारा साथी मुख्यमंत्री बना, जिला का मुख्यमंत्री होने के नाते हमें भी आस थी कि विकास होगा लेकिन कुर्सी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने विकास तो क्या करवाना था जो संस्थान स्वीकृत हुए थे उन्हें भी बंद करके बैठ गए। हमारे क्षेत्र की योजनाओं को यह कह कर रोकते रहे कि वजट ही नहीं है वहीं दूसरी तरफ अपने मित्रों पर जनता के पैसे को लुटाते रहे। हमने जब इसका विरोध किया तो मुख्यमंत्री ने षड्यंत्र के तहत हमारी सदस्यता को ही रद्द करवा दिया। अब जब चुनाव सिर पर है तो मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए झूठे ब्यान दे रहे है लेकिन जनता सब जानती है और उनके झूठ का जबाब भाजपा के पक्ष मे वोट करके देने बाली है।