प्राकृतिक खेती से किसानों की तरक्की; कृषि सचिव बोले, हर पंचायत में बन रहा पारंपरिक खेती का एक मॉडल गांव
यदि कृषि के क्षेत्र में किसानों को तरक्की करनी है, तो उन्हें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा। बदलते परिवेश में किसानों को खेती से जोड़े रखने के लिए विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता है और इस दिशा में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। ये शब्द कृषि सचिव राकेश कंवर ने कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और भविष्य की तैयारियों को लेकर कृषि भवन में समीक्षा बैठक में कहे। कृषि सचिव ने इस दौरान प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें कृषि की बढ़ती लागत को कम करने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर बढऩा है । इस कृषि पद्धति में जहां लागत कम है, वहीं किसानों को नियमित रूप से आय भी मिल रही है। साथ ही यह उपभोक्ता को रसायनरहित, पोषणयुक्त खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है। इस मौके पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रदेश भर में एक लाख 54 हजार से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ गए हैं।
इसके अतिरिक्त हर पंचायत में प्राकृतिक खेती का एक मॉडल गांव बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। बैठक के दौरान कृषि सचिव तथा राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिला के परियोजना निदेशकों को तय समय सीमा के भीतर लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। कृषि निदेशक बीआर तखी ने अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाने के लिए विभाग की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 को मनाने के लिए पोषक अनाजों के संवर्धन हेतु कृषि विभाग की ओर से तैयार किए टेबल कैलेंडर, व्यंजन पुस्तिका और विवरणिकाओं का पद्मश्री के लिए नामांकित नेक राम शर्मा द्वारा विमोचन किया गया। बैठक में कृषि निदेशक डा. बीआर तखी, अतिरिक्त कृषि निदेशक डा. दिग्विजय शर्मा, संयुक्त कृषि निदेशक डा. राजेश कौशिक, निदेशक समेति डा. सूद और सभी जिलों के कृषि उपनिदेशक एवं परियोजना निदेशक (आतमा) सहित आदि अधिकारी मौजूद रहे।