बरसात के मौसम में पनपने बाली बिमारियों के प्रति लोगो को जागरूक करें सभी खंड चिकत्साधिकारी: सीएमओ

स्वस्थ विभाग की मासिक बैठ में बोले सीएमओ हमीरपुर। पानी की सैंपलिंग बढ़ाने के साथ, गाँवों व स्कूलों में करें जांच।

बरसात के मौसम में पनपने बाली बिमारियों के प्रति लोगो को जागरूक करें सभी खंड चिकत्साधिकारी: सीएमओ

स्वस्थ्य विभाग हमीरपुर की मासिक बैठक सीएमओ कार्यालय में संपन हुई, स्वस्थ्य विभाग की इस बैठक में सभी खंड चिकत्साकों सहित जिला के विशेषज्ञ डाक्टरों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता सीएमओ हमीरपुर आरके अग्निहोत्री ने की। बैठक के दौरान बरसात के कारण लोगों के स्वस्थ्य में आ रही परेशानियों पर विस्तार से चर्चा की गई और इनसे निपटने के लिए उचित कदम उठाने के आदेश सभी खंड अधिकारीयों को दिए गए। बैठक के दौरान सीएमओ हमीरपुर ने कहा कि बरसात में पानी खराब होने से लोगों में उल्टी, दस्त, पीलिया, मलेरिया डेंगू जैसी बीमारिया फैलती है। इसके बचाब के लिए स्वस्थ्य विभाग की टाइम क्षेत्र में पानी की सैंपल को बढ़ाये और लोगों को गांव गांव जाकर जागरूक करे। उन्होंने अधिकारीयों को निर्देश दिए है कि वह स्वंय गाँवों व स्कूलों में जाकर लोगों व बच्चों को जागरूक करें और उन्हें उबला हुआ ही पानी पीने की सलाह दें। इसके साथ ही स्कूलों में बने पानी भंडारण का भी नरीक्षण करे और इनमे जरूरत अनुसार क्लोरिन डाले तथा इसकी मात्रा के बारे स्टॉफ को बताए । इसके आलावा सीएमओ ने खंड चिकत्सा अधिकारीयों को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि अस्पताल में प्रसव के लिए पंहुच रही महिलाओं के स्वस्थ्य की जिम्मेदारी विभाग कि है उनका इलाज सरकार की तरफ से फ्री किया जाता है और प्रसव के 42 दिनों तक उन महिलाओं व उनके बच्चे को दी जाने बाली स्वस्थ्य सुविधा निशुल्क है कोई भी डाक्टर गर्भवती महिलाओं और अपात्कालीन स्तिथि में अस्पताल पंहुचने बाले मरीजों को बाहर से दबाई नहीं मंगवाई जायेगी। ऐसी शिकायत मिलने पर सख्त कारवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चायल्ड डेथ रेट को कम करने लिए स्वस्थ्य विभाग अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रहा है और जागरूकता अभियान भी चला रहा है।


बरसात के कारण पानी खराब होता है जिसके सेवन से डायरिया व पीलिया जैसी बीमारियां बढ़ती है। हमें ऐसे समय में उबले हुए पानी का ही सेवन करना चाहिए। क्षेत्र में ऐसी स्तिथि पैदा न हो इसके लिए पानी की सैंपलिंग की जा रही है और सभी खंड अधिकारीयों को अस्पतालोन में 10-15 बैड रिजर्व रखने के भी निर्देश दिए है ताकि आपातकालीन समय में लोगों का सही तरीके से इलाज को सके। इसके आलावा सरकारी अस्पतालो में महिला प्रसव और एमरजेंसी में आने बाले सभी मरीजों का इलाज पूर्णतः निशुल्क किया जा रहा है।