हमीरपुर में तैयार हो रही ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी, बागबान होंगे मालामाल

हमीरपुर में तैयार हो रही ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी, बागबान होंगे मालामाल

गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडू व केरल में उगाया जाने वाले ड्रैगन फ्रूट की पौध हमीरपुर में भी तैयार हो गई है। हालांकि यह पहल कितनी कारगर साबित होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा। हमीरपुर के एक बागबान ने पहल करते हुए बाहरी राज्यों के इस फ्रूट की नर्सरी तैयार की है। नर्सरी में लगभग 700 पौधे प्लांटेशन के लिए तैयार हो गए हैं। वहीं चार हजार से अधिक पौधे पौधारोपण के लिए तैयार हो रहे हैं। पौधारोपण के उपरांत ड्रैगन फ्रूट की यह पौध हमीरपुर के वातावरण के कितने अनुकूल बैठेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा। माना जाता है कि ड्रैगन फ्रूट गर्म इलाकों में पैदा होने वाला फल है। हमीरपुर का वातावरण इसके लिए कितना अनुकूलित होगा यह तो पौध की सफलता के बाद ही तय होगा। हमीरपुर के प्रगतिशील किसान परविंदर सिंह ने ड्रैगन फ्रूट के हजारों पौधों की नर्सरी तैयार की है। घर के आंगन में ही लाहलड़ी निवासी परविंदर सिंह ने छोटी सी नर्सरी में ड्रैगन फ्रूट के 5000 पौधे तैयार किए हैं।

प्रारंभिक चरण में परविंदर सिंह ने 700 के लगभग पौधे प्लांटेशन के लिए तैयार कर लिए हैं जबकि 4000 से अधिक पौधे जल्द ही पौधारोपण के लिए तैयार हो जाएंगे। ड्रैगन फ्रूट काफी महंगा फल होता है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होता है। कैक्टस प्रजाति के इस फल के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। अपने औषधीय गुणों के कारण इस फल की कीमत भी बाजार में काफी अधिक रहती है। मात्र एक फल 100 रुपए की कीमत से बाजार में वर्तमान समय में बिक रहा है। परविंदर सिंह के प्रयास अगर रंग लाते हैं तो हमीरपुर जिला में भी बागबान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर मालामाल हो जाएंगे। दरअसल परविंदर सिंह ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के साथ ही किसानों को भी इसके लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह विभाग की मदद से किसानों को ड्रैगन फ्रूट के पौधे भी उचित दाम में उपलब्ध करवा सकते हैं। परविंदर सिंह इससे पहले भी बागबानी विभाग के साथ मिलकर इस तरह से कार्य कर चुके हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि प्रगतिशील किसान परविंदर सिंह के प्रयास रंग लाते हैं तो जल्द ही हमीरपुर में कैक्टस प्रजाति के ड्रैगन फ्रूट की फसल किसानों के खेतों में नजर आएगी।