अभियंता जल शक्ति विभाग और प्रदेश सरकार की मिलीभगत से आउटसोर्स कर्मचारीयों के प्रति माह मानदेय में हो रहा बड़ा घोटाला : विनोद ठाकुर
जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी के मानदेय में हो रहा है अभी तक का बड़ा घोटाला कांग्रेस प्रदेश सरकार जनता को दें जवाब और पूरा मानदेय देने में करें आउटसोर्स कर्मचारीयों की मदद
व्यवस्था परिवर्तन और ईमानदारी का नकाब दिखाकर प्रदेश सरकार खुद ही जल विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर कर रही है सबसे बड़ा भ्रष्टाचार जिसका प्रणाम प्रदेश के जल शक्ति विभाग में देखा जा सकता है प्रदेश सरकार के द्वारा लगभग आउटसोर्स कर्मचारीयों को लगभग 15 हजार का प्रतिमाह मानदेय तय हुआ हुआ है जबकि प्रदेश भर में 4500 रुपए से लेकर 6000 रुपए के लगभग ही आउटसोर्स कर्मचारी को मानदेय मिलता है अगर कोई नेता सिफारिश कर दे तो 8500 रुपए के करीब मानदेय मिल रहा है यह आरोप भाजपा जिला हमीरपुर सचिव विनोद ठाकुर ने प्रदेश कांग्रेस सरकार व जल शक्ति विभाग पर लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का अभी तक का यह सबसे बड़ा घोटाला सामने नजर आ रहा है जिसमें लगभग 10 हजार से 12 हजार प्रति आउटसोर्स कर्मचारी के प्रतिमाह मानदेय का गबन हो रहा है और लगभग प्रदेश भर में 2 हजार के करीब जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी काम करते हैं और इस घोटाले में प्रत्यक्ष रूप से अभियंता जल शक्ति विभाग और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश सरकार का तालमेल बना हुआ है जल शक्ति विभाग के द्वारा यह घोटाला लगभग करोड़ों रुपए प्रति माह किया जा रहा है और कांग्रेस प्रदेश सरकार की मेलजोल और अनदेखी के कारण अभियंता जल शक्ति विभाग का घोटाला बढ़ता जा रहा है और यह तभी संभव हो सकता है जब कांग्रेस सरकार के कुछ विधायक और करीबी भी इसमें शामिल हो। विनोद ठाकुर ने आउटसोर्स कर्मचारीयों की तरफ से आवाज को बुलंद करते हुए कहा कि "व्यवस्था परिवर्तन" क्या यही है वह " ईमानदारी" से चलने वाली कांग्रेस सरकार। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द कांग्रेस सरकार आउटसोर्स के मानदेय वाले मुद्दे को जनता के समस्त स्पष्ट करें और उन्हें प्रति माह पूरा मानदेय मिलने में उनका सहयोग करें।