मुख्यमंत्री के गृह अस्पताल में राम भरोसे हो रहा है गरीबों का उपचार

अस्पताल में मरीजों का मिला आधा-अधूरा रिकॉर्ड लाखों रुपए की मशीनरी स्टोर रूम में फांक रही है धूल 2020 के बाद अस्पताल से कितने मरीजों को किया गया रैफर रजिस्टरों से रिकॉर्ड गायब

मुख्यमंत्री के गृह अस्पताल में राम भरोसे हो रहा है गरीबों का उपचार

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र के सिविल अस्पताल नादौन में मरीजों का उपचार राम भरोसे ही चल रहा है। अस्पताल में चल रही अव्यवस्थाओं के कारण यहां इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में तैनात स्टाफ इतना व्यस्त है कि अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों से संबंधित रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। मरीजों को वर्तमान में किस बीमारी का उपचार किया जा रहा है और उसकी हिस्ट्री क्या है। इसका भी कोई रिकॉर्ड मरीजों की फाइल में दर्ज नहीं है। यहां तक कि सरकार द्वारा अस्पताल को मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लाखों रुपए की मशीनरी व इक्यूपमेंट भेजे गए हैं। बावजूद इसके लाखों रुपए की यह मशीनरी स्टोर रूम में पड़ी धूल फांक रही है। इसका उपयोग अभी तक मरीजों के उपचार के लिए नहीं हो पाया है। हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल स्टाफ द्वारा खराब ऑक्सीमीटर लगाकर ही मरीजों की पल्स चेक की जा रही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सोमवार को सीएमओ हमीरपुर सिविल अस्पताल नादौन में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। सीएमओ हमीरपुर द्वारा किए गए नादौन अस्पताल के इस औचक निरीक्षण के दौरान भारी खामियां पाई गई हैं। अस्पताल में पूरी तरह से अव्यवस्था का माहौल बना हुआ था। सरकार व विभाग की तरफ से लाखों रुपए की सामग्री भेजी जा रही है। लेकिन नादौन अस्पताल प्रबंधन को इसकी कोई पूर्ण जानकारी ही नहीं थी। 2020 के बाद अस्पताल से किस बीमारी के चलते कितने मरीजों को रैफर किया गया है। इसका कोई भी रिकॉर्ड अस्पताल के रजिस्टरों में नहीं पाया गया है। हालांकि अस्पताल में चल रही अव्यवस्था व कमियों पर सीएमओ हमीरपुर ने बीएमओ नादौन व स्टाफ को खूब लताड़ भी लगाई है। सीएमओ ने एक सप्ताह के भीतर अस्पताल की खामियों को दूर करने का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन इस बीच सवाल यह उठता है कि एक तरफ सरकारी अस्पतालों में लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल प्रबंधन की मनमर्जी व लापरवाही के चलते राम भरोसे चलने को मजबूर हैं। यहां यह बात तब भी खास हो जाती है कि जिला हमीरपुर में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू खुद बागडोर संभाले हुए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन के सरकारी अस्पताल में ही अव्यवस्थाओं व लापरवाही का माहौल बना हुआ है। 
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नादौन अस्पताल में गत माह आधुनिक तकनीक से लैस ईसीजी की मशीन दी गई है। लेकिन अभी तक यह मशीन स्टोर रूम में ही धूल फांक रही है। इसके अलावा बल्ड सुगर से संबंधित इक्यूपमेंट व अन्य उपकरण पर्याप्त मात्रा में अस्पताल के पास उपलब्ध है। लेकिन इन उपकरणों को चलाने की जानकारी के अभाव के कारण इनका लाभ उपचार के दौरान मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में अव्यवस्था के माहौल के बीच मरीज इलाज करवाने को मजबूर हैं। हालांकि बीएमओ नादौन ने अस्पताल की अव्यवस्था को छिपाने की भरपूर कोशिश करते हुए इसे छोटी-मोटी खामियां करार दिया है। लेकिन अव्यवस्था के इस माहौल के बीच क्षेत्र के लोग मजबूरी में अन्य अस्पतालों का रुख करने को मजबूर हैं। हालात ऐसे हैं कि अस्पताल में कितने डॉक्टर तैनात हैं और कितना स्टाफ सेवाएं दे रहा है इसकी जानकारी तक अस्पताल प्रबंधन को स्टीक नहीं है। यहां तक कि अस्पताल में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कितने ऑक्यूपाइड बेड स्थापित हैं, यह कितने बेड होने चाहिए इसकी जानकारी भी किसी भी डॉक्टर या स्टाफ के सदस्य नहीं थी। 
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सिविल अस्पताल नादौन को लाखों रुपए की ट्रू-नेट मशीन की सौगात मिली है। इस मशीन से टीवी बीमारी से ग्रसित लोगों की सैंपलिंग होगी। जिसके एक से दो घंटे के बीच ही परिणाम सामने आंएगे। सीएमओ हमीरपुर सिविल अस्पताल नादौन इसी मशीन के उद्घाटन के लिए पहुंचे हुए थे। 
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नादौन अस्पताल में मरीजों के बेहतर उपचार के लिए अस्पताल प्रशासन प्रयत्नशील है। सोमवार को सीएमओ हमीरपुर ने औचक निरीक्षण किया है। जिसमें कुछ खामियां जरुर पाई गई हैं। जिन्हें शीघ्र सुधारा जाएगा। 
डॉ. केके शर्मा, बीएमओ नादौन।
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 सीएमओ हमीरपुर डॉ. आरके अग्निहोत्री का कहना है कि सिविल अस्पताल नादौन का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में मरीजों के रिकॉर्ड अधूरे पाए गए हैं। अस्पताल में अव्यवस्था का माहौल होने के चलते मरीजों की किस बीमारी का इलाज किया जा रहा है और उन्हें कौन सी ट्रीटमेंट दी जा रही है। इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। बीएमओ नादौन को अस्पताल में चल रही खामियों व आधे-अधूरे रिकॉर्ड को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अगले सप्ताह फिर निरीक्षण किया जाएगा।