‘बच्चे की जिंदगी के पहले 1000 दिन सबसे महत्वपूर्ण’
महिला एवं बाल विकास विभाग ने कुठेड़ा में बताया पोषण का महत्व

बाल विकास परियोजना हमीरपुर के सौजन्य से मंगलवार को ग्राम पंचायत कुठेड़ा में पोषण पखवाड़े के समापन के अवसर पर एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता बाल विकास परियोजना अधिकारी संजय गर्ग ने की।
इस अवसर पर उन्होंने सभी लोगों, विशेषकर, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने तथा अपनी थाली में पौष्टिक आहार को शामिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों से पोषण अभियान को एक जन आंदोलन बनाने तथा इससे संबंधित कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की। बाल विकास परियोजना अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और कई अन्य योजनाओं की जानकारी भी दी।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सोनिया शर्मा ने महिलाओं को संतुलित आहार लेने तथा मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी। पर्यवेक्षक एवं संरक्षण अधिकारी प्रदीप चौहान, तिलक राज, राकेश कुमार, सुमन कुमार तथा पोषण समन्वयक रीता कुमारी ने लोगों को पोषण पखवाड़े के अंतर्गत चार मुख्य विषयों- जीवन के पहले 1000 दिनों (गर्भावस्था से लेकर बच्चों के दो वर्ष तक) के महत्व, पोषण मॉड्यूल, सीमैम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन, बच्चों में मोटापे की रोकथाम हेतु स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना और जंक फूड से बचाना इत्यादि विषयों पर व्यापक चर्चा की।
इससे पहले, वृत्त पर्यवेक्षक अक्षित चौहान ने सभी वक्ताओं, वरिष्ठ अधिकारियों तथा शिविर के प्रतिभागियों का स्वागत किया और पोषण पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित की गई गतिविधियों की जानकारी दी। शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं ने भाग लिया।